Tuesday, 26 June 2012

बिहार की माटी का लाल "हैदर काज़मी"


  

       "किसी को लग न सका उसके कद का अंदाज़ा, वो आसमान में है मगर सर झुककर चलता है".


         यह अल्फाज़ एकदम सटीक बैठता है, ग्राम- अली नगर, पाली, जिला- जहानाबाद, बिहार के मूल निवासी तथा 'द रीयल रंगबाज़ ऑफ़ भोजपुरी सिनेमा' के खिताब से नवाज़े गये अभिनेता 'हैदर काज़मी' पर, जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा के उत्थान हेतु अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. जी हाँ, कहने के लिए तो भोजपुरी सिनेमा से जुड़ा हुआ  हर कोई भोजपुरी फिल्मों का ट्रेड बदलने का सिर्फ चैलेन्ज करता है लेकिन करते कुछ नहीं हैं. मगर भोजपुरी सिनेमा के रीयल हीरो तो सिर्फ 'हैदर काज़मी' ही हैं. जो कहते नही सिर्फ करते हैं और आज पूरी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री उनके कार्य शैली की कायल हो गयी हैं. ज़मीन से आसमान तक यह सफर तय करना  हैदर काज़मी के लिए आसान तो नही था मगर  कठिन भी नही रहा. 

         जी.सी.जैन कामर्स कालेज चाईबासा, झारखण्ड से शिक्षा-दीक्षा पूरी करने के साथ ही दिल्ली थियेटर से भी जुड़े रहे. मुंबई ले आने का श्रेय 'मनोज कुमार' को देते हुए 'हैदर काज़मी' कहते हैं कि 'मनोज कुमार जी' का हमेशा आभारी रहूँगा. 

        सुप्रसिद्ध अभिनेता 'मनोज कुमार'  द्वारा निर्देशित धारावाहिक 'भारत के शहीद' में  पहली बार 'हैदर काज़मी' को मात्र 15 साल की उम्र में अभिनय करने का मौका मिला. उसमें उन्होंने 'खुदीराम बोस' का किरदार निभाया था जिसे अंग्रेजों ने 15 साल की उम्र में ही फांसी की सजा दिया था. मेगा हिट धारावाहिक 'अलिफ़ लैला' से एक बड़ी शुरुआत होने के बाद 'साईं बाबा' धारावाहिक में  'साईं बाबा' का किरदार भी दर्शकों को बहुत पसंद आया. 'सतीश कौशिक' द्वारा निर्देशित 'हादसा' के अलावा और भी कई धारावाहिक में अभिनय के साथ ही साथ 'कूरियर' का बिजिनेस भी शुरू किया.

      बहुमुखी प्रतिभा के धनी 'हैदर काज़मी' का सफ़र निरंतर जारी रहा और 2003 उन्होंने  हिंदी फिल्म 'पथ' के माध्यम से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी उतरे. जिसमें मुख्य भूमिकाओं में 'हैदर काज़मी' के अलावा पायल रोहतगी, राखी सावंत एवं शरद कपूर इत्यादि थे. जिसके निर्देशक 'शिवराम यादव' थे. उसके बाद उन्होंने फिल्म 'बाबी' का निर्माण किया जिसमें उन्होंने अभिनेत्री 'मोनालिसा' को पहली बार ब्रेक दिया था और उस फिल्म का निगेटिव कटिंग  'दिलीप  कुमार' ने किया था. उनके द्वारा अभिनीत व  निर्मित फिल्म- 'कजरी' को फिल्म फेस्टिवल में भी खूब सराहा गया, 

     परन्तु  भोजपुरिया माटी बिहार का लाल होने की वजह से भोजपुरी सिनेमा से ज्यादा  दूर ना रह सके और  पिछले साल की 'शिवराम यादव' निर्देशित सुपर-डुपर हिट भोजपूरी[फिल्म 'रंगबाज़' का निर्माण करके उन्होंने साबित कर दिया कि 'हैदर काज़मी ही बिहार की माटी का लाल असली रंगबाज़ है'. हैदर काज़मी व रानी चटर्जी की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म पिछले साल की सबसे हिट फिल्म रही है. और अब उनकी होम प्रोडक्शन की शीघ्र ही प्रदर्शित होने जा रही फिल्म- 'कालिया' की मेकिंग अभी से ही चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसके निर्देशक 'शिवराम यादव' हैं. मुख्य भूमिकाओं में हैदर काज़मी, अक्षरा सिंह, सी.पी. भट्ट, पूजा यादव, अलीशा, राम मिश्रा, बिपिन सिंह और बालेश्वर सिंह तथा अनिल यादव हैं.

    भोजपुरी सिनेमा के उत्थान हेतु उन्होंने 'नरजिस म्यूजिक' की स्थापना किया है जिसके माध्यम से उन्होंने यह साबित कर दिया कि 'भोजपुरी फिल्मों के म्यूजिक से भी निर्माताओं को फायदा होता है'.फिल्म निर्माताओं को जागरूक किया जा रहा है कि रिंगटोन के बिजनेस से बहुत फायदा होता  है. ' नरजिस म्यूजिक'  कम्पनी के माध्यम से  'हैदर काज़मी'  छोटे निर्माताओं का  बहुत सहयोग कर रहे हैं और उनका हक़ उन तक इमानदारी से पहुँचाया जा रहा है.





    आमिर खान की तरह गिनी चुनी फिल्में करने वाले 'हैदर काज़मी' अभिनीत फिल्में - बिगुल, आजमगढ़ के कट्टा, जगीरा इत्यादि फिल्में जल्द ही प्रदर्शित होगी और अभी हाल ही में उन्होंने भोजपुरी फिल्म 'दीवानगी' साइन किया  है.

No comments:

Post a Comment