महुआ चैनल समूह के अध्यक्ष पीके तिवारी अपने पुत्रों समेत गिरफ्तार
फर्जी दास्तावेजो के बल पर किया करोंडो का घोटाला
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गये समूह संचालक
नोएडा: महुआ चैनल समूह के मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आज दिल्ली
की एक अदालत ने पीके तिवारी को 14 दिन तक जेल भेज देने का आदेश दिया। कोर्ट के
फैसले के बाद पुलिस ने तिहाड़ जेल में पहुंचा दिया है। अनेक बैंकों से कर्ज हासिल
करने के लिए फर्जी कागजातों का इस्तेमाल करने के समेत कई आरोपों पर पीके तिवारी
और उनके दो बेटों पर यह पुलिस ने कार्रवाई की है।
हालांकि महुआ समूह के अध्यक्ष और उनके पुत्रों को सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने
पिछले गुरूवार को ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गहन छानबीन और पूछताछ
के लिए सीबीआई ने अदालत से इन लोगों को पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश दिया था।
यह रिमांड पूरी होने के बाद सीबीआई ने पीके तिवारी और उनके बेटों को अदालत पेश
किया जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश जारी हुए। बताते हैं कि
पुलिस रिमांड हुई पूछताछ में बैंकों के साथ हुई करोड़ों की इस धोखाधड़ी के बारे
में इस चैनल समूह की संलिप्तता का खुलासा किया है। महुआ समूह बिहार, यूपी, झारखंड
और बिहार में अनेक मनोरंजक और समाचार चैनलों का संचालत करता है।
बताया जाता है कि इन बैंकों से मिली अनेक शिकायतों को लेकर सीबीआई
ने महुआ समूह प्रबंधन पर अपना शिकंजा कसना शुरू किया था और इसके बाद पिछले गुरूवार
को ही नोएडा स्थित समूह के मुख्यालय पर दबिश दी गयी जहां पीके तिवारी और उनके निदेशक पुत्र आनंद तिवारी और अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई
के मुताबिक इन तीनों लोगों को तीनों बैंकों
से करोड़ों रुपये का कर्जा हासिल किया था, लेकिन
इसके लिए इन लोगों ने इन बैंकों को गुमराह करने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किये थे। बताते चलें कि महुआ प्रबंधन पिछले दो बरसों से बेहद आर्थिक
कंगाली से जूझ रहा है। इस घोटाले में बैंक आफ बड़ौदा,
पंजाब नेशनल बैंक और
यूनियन बैंक आफ इंडिया की एक बड़ी रकम फंस गयी
थी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले की शिकायत पर सीबीआई ने यह मामला इस
साल जनवरी में दर्ज किया था।
घटनाक्रम पिछले गुरूवार की
दोपहर से शुरू हुआ। बताते हैं कि अपनी दिनचर्या के मुताबिक पीके तिवारी गुरूवार को
ठीक सुबह दस बजे ऑफिस पहुंचे थे। पिछले एक साल से संस्थान के हालात बिगड़ने के
समय से लगातार और सघन बैठकों के दौर चल ही रहे थे, उस दिन भी यही हुआ। लेकिन अचानक ही दोपहर
पीके तिवारी के कार्यालय में सीबीआई अधिकारियों का एक दल पहुंचा। करीब तीन घंटों
तक पूछताछ का दौर चला। इसके बाद उन्हीं अफसरों में से एक के साथ पीके तिवारी अपने
छोटे बेटे अभिषेक तिवारी के साथ अपनी सफेद मार्सिडीज से रवाना हुए, जबकि उनके बड़े बेटे आनंद तिवारी उन अधिकारियों के उसी कार के पीछे रवाना
रवाना हुए। हालांकि सीबीआई की इस कार्रवाई की खबर को महुआ संस्थान प्रबंधन ने दबा
लिया था। इन संचालकों ने इन लोगों को अस्पताल, विदेश, पूजा-अर्चना और ध्यान-योग
आदि बहाने लेते हुए खबर को दबाने की कोशिशें की थीं। इन लोगों की गिरफ्तारी की भनक
तो बीते रविवार को लगी, जब इन लोगों का जमानत की कवायद शुरू हो गयी।
महुआ के करीबी सूत्रों का दावा
है कि गुरूवार की दोपहर पीके तिवारी से जो अफसरों का दल उनके दफ्तर पर पहुंचा था, वह सीबीआई का था। यह टोली पिछले साल
के दौरान ईडी समेत कई सरकारी एजेंसियों के अफसरों की थी। आयकर और ईडी पहले से ही
आयकर चोरी और अवैधानिक धन-निवेश के कतिपय अपराधों पर पीके तिवारी और महुआ समूह के
लोगों की संलिप्तता की जांच कर रहा था। पिछले दिनों इन जांच विभागों ने इस समूह
में सात सौ करोड़ रूपयों की पता लगाया था। बताते चलें कि यह समाचार संस्थान महुआ,
महुआ न्यूज, महुआ न्यूज लाइन और महुआ खबोर
नामक चैनलों का संचालन करता है। इसमें से खबोर और न्यूज लाइन तो लगभग बंद पड़े
हैं, जबकि दूसरे चैनलों की हालत भी बुरी बतायी जाती है।
बहरहाल, सीबीआई के इन कथित अफसरों की टोली ने
ऐसे दर्जनों मामलों में महुआ परिवार और उसके प्रमुख संचालकों को
सीधे तौर पर पहचाना है और गुरूवार की दोहपर हुई इस कार्रवाई इसी के तहत पकड़-धकड़
के तहत हुई है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि गुरूवार से ही महुआ समूह में
अफवाहों का बाजार भड़क गया है। लोगों के मुताबिक पीके तिवारी इन दोनों लगातार
कानूनी और आर्थिक आदि संकटों में घिरे जा रहे थे। वैसे भी भारत में वे ज्यादातर
नोएडा और उसके बाद मुम्बई में समय से पहुंचते रहे हैं। मौजूदा काढ़े वक्त में,
जब समूह के कर्मचारियों को विगत अनेक महीनों वेतन भुगतान को लेकर
भारी मारामारी का माहौल है। उधर संस्थान में श्रमविवाद भी जबर्दस्त चल रहा है।
बताते हैं कि इस प्रकरण की
खबरें तब भड़कीं लगा समूह के टेक्निकल हेड अमर खांडपुरे, पार्थो डे व उनके सहयोगी अतुल जैन और
कलेक्शन के हेड मनोज दुबे की बातें और चर्चाएं छन कर बाहर निकलने लगीं। बताते हैं
कि मनोज दुबे को तिवारी के खासमखास लोगों को सूचना दी कि पीके तिवारी सोमवार को ही
अपने सारे दायित्वों अपनी पत्नी मीना तिवारी को सौंपने जा रहे हैं। यानी पीके
तिवारी महुआ संस्थान से सम्बद्ध सभी बैकों में सिग्नेचरी के तौर पर सारे दायित्व अपनी पत्नी मीना तिवारी को सौंप देंगे।
हालांकि अथक प्रयासों के बावजूद यह पता नहीं चल पाया है कि ऐसे सभी दायित्वों का
स्थानांतरण किस स्थान पर किया जाएगा। मतलब ऐसे दायित्व सौंपने के लिए वे अपने
मुख्यालय में सोमवार को पहुंचेंगे या फिर इसके लिए कोई अन्य स्थान तय किया जा
रहा है। हैरत की बात है कि पिछले करीब तीन महीनों से ज्यादातर कर्मचारियों की
तनख्वाह नहीं जारी की जा सकी है। इतना ही नहीं, संस्थान के रिकरिंग के खाते के
भारी-भरकम खर्चों का बकाया कई महीनों से अदा नहीं किया जा चुका है। ऐसे में पीके
तिवारी को लेकर चल रही हंगामाखेज खबरों ने महुआ समूह समेत पूरे समाचार उद्योग में
अफवाहों की आग को बुरी तरह भड़का दिया है।
एक भरोसेमंद सूत्र के अनुसार
मनोज दुबे और पार्थो डे ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में कई लोगों की जमानत
कराने सम्बन्धी कागजात तैयार करने का निर्देश महुआ समूह के वकीलों को दिया है।
लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह किन लोगों की जमानत कराने के लिए
तैयारियां की जा रही हैं। इस खबर की पुष्टि के लिए महुआ संस्थान से बातचीत के लिए
जब भी प्रयास किया गया, फोन नहीं उठाया गया। जिसके महुआ प्रबंधन का पक्ष नहीं लिया
जा सका।
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