मूवी रिव्यू: 'कहानी'
कहानी:फिल्म सस्पेंस थ्रिलर है। अपने पति की तलाश में प्रेग्नेंट विद्या बागची लंदन से कोलकाता आती है। यहां सभी उसे यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि जिस पति को वह ढूंढ रही है उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। विद्या को दाल में कुछ काला नजर आता है। उसे अहसास होता है कि कहीं तो कुछ गड़बड़ है। उसे जो दिखाया जा रहा है, वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। विद्या अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर अपने तथा अपने पैदा होने वाले बच्चे के लिए सच्चाई पर से परदा उठाने की ठानती है। लेकिन जब रहस्य खुलता है तो आप चौंक जाते हैं। यही इस फिल्म की खासियत है। स्क्रिप्ट पर भरोसा करके ही निर्देशक ने किसी बड़े मेल स्टार की अपेक्षा सिर्फ विद्या पर दांव लगाया है।स्टोरी ट्रीटमेंट:फिल्म एक महिला के संघर्ष की रोचक कहानी है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है सस्पेंस और गहराता जाता है। फिल्म की यूएसपी ही उसकी रफ्तार औऱ रोमांच है| स्टार कास्ट:पूरी फिल्म विद्या बालन के कंधों पर टिकी हुई है| उन्होंने अपने किरदार को जीवंत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है| परदे पर उनकी परेशानियों को देखकर आपको एक जुड़ाव से होने लगता है और आप कहानी में खोते चले जाते हैं| विद्या के एक्सप्रेशंस, उनकी बॉडी लैंग्वेज किरदार को और ज्यादा मजबूत बना देते है| विद्या ने छोटे-छोटे भाव दिखाने में जमकर मेहनत की है। राणा के किरदार में परमब्राता चट्टोपाध्याय ने जोरदार एक्टिंग की है| इंद्रनील सेनगुप्ता ने छोटे से किरदार में खूब जमे हैं।निर्देशन:सुजॉय ने अच्छी स्क्रिप्ट में सस्पेंस को जबरदस्त तरीके से पिरोया है| उन्होंने गंभीर विषय को हल्के-फुल्के दृश्यों के माध्यम से दिखाने की कोशिश की है जिससे फिल्म बोझिल नहीं लगती|
डायलॉग्स/ सिनेमटोग्राफी/ म्यूज़िक:डायलॉग्स कुछ ज्यादा खास नहीं और अपने पति को खोजने की जद्दोजहद में लगी महिला और ऑफिसर के बीच के संवाद महत्वपूर्ण हैं| अंत में अमिताभ बच्चन का वाइसओवर एवं माँ दुर्गा और विद्या की तुलना वाला दृश्य बहुत ही प्रभावशाली है| क्यों देखें:विद्या बालन के जबरदस्त फैन हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है|
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